पिथौरागढ़ उत्तराखंड में आजादी के इतने सालों बाद भी कई ऐसे गांव हैं जहां पर मूलभूत सुविधाएं ही नहीं पहुंच पाई हैं। कहीं अस्पतालों की कमी तो पीने के पानी की समस्या का सामना लोगों को करना पड़ता है। इसी तरह पिथौरागढ़ में भी ऐसे गांव हैं जहां शौचालय नहीं मिले है।जिलाधिकारी रीना जोशी बुधवार को वनराजि गांव कुलेख और औलतड़ी गांव पहुंची। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी के सामने समस्याओं का अंबार लगा दिया। जिलाधिकारी ने संबंधित विभागों को अविलंब समस्याओं के समाधान के निर्देश दिए ।
कई परिवारों को नहीं मिले हैं शौचालय :-
वनराजि जनजाति के लोगों ने जिलाधिकारी को बताया कि गांव में अभी भी कई परिवारों को शौचालय नहीं मिले हैं वे खुले में शौच के लिए मजबूर है। कई परिवारों को अभी तक पक्के आवास भी नहीं मिल पाए हैं। ऐसे परिवार कच्चे मकान और झोपड़ियों में रहने को मजबूर हैं। मानूसन काल में उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। बरसात में लोगों का घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है।
पेयजल आपूर्ति नहीं होने की करी शिकायत :-
ग्रामीणों ने गांव में नियमित पेयजल आपूर्ति नहीं होने की शिकायत जिलाधिकारी के सामने रखते हुए कहा कि नलों में पानी नहीं आने पर उन्हें कई किमी. दूर से पानी ढोना पड़ता है। वनराजियों ने बताया कि भागीचौरा से औलतड़ी तक बनी सड़क आज भी कच्ची है। मानसून काल में यह सड़क बार-बार बाधित होती है, गांव के लोगों को आवागमन में खासी दिक्कत होती है।
जिलाधिकारी ने दिए समस्या का समाधान करने के निर्देश:-
जिलाधिकारी ने जल संस्थान और पेयजल निगम के अधिकारियों को एक सप्ताह में पेयजल समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए। खंड विकास अधिकारी को आवास और शौचालय विहीन परिवारों को सुविधाओं का लाभ देने के लिए कार्रवाई करने को कहा। जिलाधिकारी ने वनराजि परिवारों को अपने बच्चों को नियमित स्कूल भेजने, महिलाओं को संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित किया।