भारी बारिश ने देश के कई राज्यों में तबाही मचाई है। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर जैसे पहाड़ी इलाकों में लैंडस्लाइड की वजह से काफी नुकसान हुआ है। हिमाचल में ब्यास नदी का रौद्र रुप देखने को मिल रहा है। तो उत्तराखंड में कई रास्तों को बंद कर दिया गया है। वहीं राजधानी दिल्ली में भारी बारिश की वजह से लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। आइए तस्वीरों के जरिए देखते हैं बारिश से मची तबाही का मंजर। भारी बारिश की वजह से चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे का एक हिस्सा पानी में बह गया। जिस वजह से इस रास्ते पर आवाजाही को रोक दिया गया है।
लैंडस्लाइड से तबाही
हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में लैंडस्लाइड की वजह से भारी तबाही मची है। लैंडस्लाइड की वजह से कई मकान गिर गए, जबकि कई गाड़ियों के ऊपर पेड़ गिर गए हैं।
दिल्ली के रोहिणी में धंसी सड़क
मूसलाधार बारिश की वजह से 9 जुलाई की शाम को दिल्ली के रोहिणी में सड़क धंस गई। लगभग 15 मीटर तक सड़क धंसने की वजह से यातायात अचानक से रुक गया। हालांकि, इसकी वजह से किसी तरह से जान-माल का नुकसान नहीं हुआ।बारिश की वजह से दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज की एक दीवार गिर गई। इसकी चपेट में आने से वहां खड़ी कई गाड़ियां क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
डूबा कैब का आधा हिस्सा
गुरुग्राम में भारी बारिश और जल-जमाव के कारण एक कैब का आधा हिस्सा सड़क के बीचों-बीच डूब गया। स्थानीय लोगों ने इसमें मौजूद लोगों को किसी तरह से बाहर निकाला। लोगों ने कैब की छत पर बैठकर अपनी जान बचाई।
जलजमाव में फंसी कार
गुरुग्राम में एक कार जल-जमाव के कारण सड़क के बीचों-बीच फंस गई। जिसके बाद वहां मौजूद लोगों ने धक्का देकर इस गाड़ी को बाहर निकाला।
जलभराव के बाद प्रगति मैदान टनल बंद
भारी बारिश और जलभराव के बाद प्रगति मैदान टनल को बंद कर दिया गया है। पुलिस ने लोगों को रिंग रोड से ITO या फिर भैरो मार्ग होकर इंडिया गेट और नई दिल्ली आने की सलाह दी है। बताते चलें कि राजधानी दिल्ली में 41 साल बाद इतनी बारिश हुई है। IMD द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, रविवार, 9 जुलाई की सुबह 8 बजे तक दिल्ली में पिछले 24 घंटे में 153 मिमी बारिश हुई। जो साल 1982 के बाद से जुलाई में एक दिन में सबसे ज्यादा है। इससे पहले 25 जुलाई 1982 को 169.9 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई थी। बारिश की वजह से उत्तर भारत में कुल 19 लोगों की मौत की खबर है।