काशीपुर की बेटी तन्मय तिवारी ने किया नाम रोशन चंद्रयान-3 मिशन में भूमिका निभाई…

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चंद्रयान-3 ने चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कर दुनिया भर में भारत ने चांद पर तिरंगा लहराकर इतिहास रच दिया है। इस दौरान चंद्रयान-3 की लॉचिंग से लेकर चांद पर सफल लैंडिंग में इसरो के वैज्ञानिकों की टीम में काशीपुर की बेटी तन्मय तिवारी भी शामिल हैं। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मैनेजर पद से रिटायर्ड और वर्तमान में काशीपुर में रामनगर रोड स्थित बैंक कॉलोनी में रहने वाले 2 बच्चों में छोटी बेटी तन्मय तिवारी की प्रारंभिक शिक्षा काशीपुर के छावनी चिल्ड्रन्स एकेडमी से हुई थी। मूल रूप से जिला अल्मोड़ा के जवालाघाट के रहने वाले 1981 से 1984 तक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की काशीपुर शाखा में कार्यरत रहे। उसके बाद उनका स्थानान्तरण रुद्रपुर होने के बाद तन्मय की बाद की शिक्षा रुद्रपुर के जेसीज पब्लिक स्कूल में हुई। इस दौरान हाईस्कूल में वह जिले में टॉपर रही। इंटरमीडिएट की परीक्षा कैंपस स्कूल पंतनगर तथा बीटेक यूनिवर्सिटी पंतनगर और नीट मुंबई से किया।

तन्मय तिवारी पिता सुरेश चंद्र तिवारी व मीनाक्षी तिवारी

तन्मय तिवारी के पिता सुरेश चंद्र तिवारी ने जानकारी दी कि नौकरी की शुरुआत तन्मय ने पेप्सिको इंडिया गुड़गांव से की थी। तन्मय ने वर्ष 2017 में इसरो में ज्वाइनिंग की थी। तन्मय ने इसरो के लॉचिंग पैड श्री हरि कोटा आंध्रा प्रदेश में वर्ष 2017 से अप्रैल 2023 तक नौकरी की। तन्मय की शादी जौनपुर निवासी विवेकानन्द के साथ वर्ष 2020 में हुई थी । तन्मय के पति अमेरिकन एक्सप्रेस में जॉब करते हैं। उसके बाद तन्मय का ट्रांसफर इसरो के हैड आफिस बैंगलोर सीनियर साइंटिस्ट इंजीनियर ग्रेट-2 के पद पर हो गया। उन्होंने कहा कि चंद्रयान-3 के लॉन्चिंग टीम में बेटी के शामिल होने पर उन्हें खुशी है।

तन्मय की माता मीनाक्षी तिवारी ने जानकारी दी चंद्रयान-3 के चांद पर उतरने से कुछ घंटे पहले उनकी तन्मय से फोन पर वार्ता हुई थी। इस दौरान वह काफी टेंशन में थी लेकिन वह कह रही थी कि आप सभी ईश्वर से दुआ करें कि चंद्रयान-3 के चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतर जाए। चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक चांद पर लैंडिंग के बाद तन्मय का अपनी मां के पास फिर फोन आया और इस दौरान तन्मय तिवारी ने बेंगलुरु से ही फोन पर चंद्रयान-3 के सफलतापूर्वक लैंडिंग पर बहुत ही खुशी जाहिर की। इस दौरान नगर के गणमान्य लोगों ने उनके माता-पिता को मिष्ठान खिलाकर बेटी को बधाईयां देते हुए उज्जवल भविष्य की कामना की। इसरो के वैज्ञानिकों ने 23 अगस्त की शाम 6 :04 मिनट पर वह कर दिखाया जो आज तक दुनिया का कोई देश नहीं कर सका। इसरो के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 की बुधवार की शाम चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कर दुनिया में इतिहास रच दिया है।

छावनी चिल्ड्रन्स एकेडमी के प्रधानाचार्य प्रदीप सपना

छावनी चिल्ड्रन्स एकेडमी के प्रधानाचार्य प्रदीप सपना जानकारी दी

भारतीय होने के नाते देश का प्रत्येक नागरिक आज अपने आप को पूरे विश्व में गौरवान्वित महसूस कर रहा है। इस टीम का एक सदस्य काशीपुर का भी है यह सोचकर हर कोई गर्व महसूस करते हुए रोमांचित महसूस कर रहा है। चन्द्रयान- 3 की टीम का हिस्सा और छावनी स्कूल की छात्रा होने पर उन्हें भी रोमांचित हो रहा है। तन्मय बचपन से ही शांत स्वभाव तथा पढ़ने में बेहद रूचि रखती थी। वहीं इसके साथ-साथ में है एक होनहार खिलाड़ी भी थी जिसने ईस्ट जॉन का भी खेल में प्रतिनिधित्व किया है।

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