रामनगर। किसान संघर्ष समिति द्वारा विद्युत कटौती बंद किए जाने, लो वोल्टेज की समस्या को दूर किये जाने, मीटर के फिक्स व अन्य चार्ज को लेना बंद किये जाने, विद्युत बिल पूर्व की भांति दो माह में जारी किए जाने, स्मार्ट मीटर योजना को रद्द किया जाए व विद्युत का उत्पादन व वितरण प्रणाली के निजीकरण पर रोक लगाने व विद्युत निगम के दैनिक व संविदा कर्मचारियों का नियमितीकरण किये जाने की मांग को लेकर अधिशासी अभियंता, विद्युत निगम के कार्यालय के समक्ष धरना देकर प्रदर्शन किया।
समिति के संयोजक ललित उप्रेती ने कार्यक्रम का संचालन करते हुए कहा कि उत्तराखंड को ऊर्जा प्रदेश घोषित किया गया है परंतु यहां की जनता विद्युत कटौती एवं लो वोल्टेज की समस्या से त्रस्त है। उन्होंने कहा कि पूर्व में दो माह का बिल आता था परंतु अब हर माह उपभोक्ता को बिल थमा दिया जा रहा है तथा फिक्स चार्ज व अन्य चार्ज लेकर लेकर जनता की जेब पर डाका डाला जा रहा है। उन्होंने कहा अब एक माह में ही सरकार दो माह के बराबर पैसा जनता से वसूल रही है
सभा में वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड सरकार की स्मार्ट मीटर योजना निजी पूंजीपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए लाई जा रही है। इससे उपभोक्ताओं को मोबाइल की तरह से बिजली भी रिचार्ज करनी पड़ेगी। वक्ताओं ने विद्युत उत्पादन एवं वितरण में निजी क्षेत्र की भागीदारी को पूर्णतया समाप्त करने की मांग की।
अंत में एसडीओ विद्युत निगम के माध्यम से मुख्यमंत्री उत्तराखंड को चार सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन भी प्रेषित किया गया। एसडीओ ने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि लो वोल्टेज की समस्या का समाधान स्थानीय स्तर पर संभव है इसके लिए तार बदलने व ट्रांसफार्मर लगाने की कार्रवाई शीघ्र ही अमल में लाई जाएगी।
सभा को उपपा नेता प्रभात ध्यानी, महिला एकता मंच की संयोजक ललिता रावत, समाजवादी लोकमंच के मुनीष कुमार, गिरीश आर्य, ठेका मजदूर किसान समिति के अध्यक्ष किशन शर्मा आदि ने संबोधित किया।
मौ. आसिफ, सुभाष ध्यानी, विनोद मंडल, रमेश चंद्र, गणेश दत्त, माया नेगी, आरती, तहसीन खान, कैलाश त्यागी, ललिता, तारा, माया नेगी, मीरा, सरस्वती, कौशल्या, हीरा सिंह, करने आर्य भास्कर कर्गेती, सुदामा लाल समेत बड़ी संख्या में लोगों ने भागीदारी की ।