काशीपुर:- केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार तक खेती किसानी पर विशेष ध्यान केंद्रित किए हुए हैं। किसानों की आय दोगुना करने के लिए तमाम योजनाएं शुरू की गई हैं, जिनसे वे लाभान्वितों हो रहे हैं। कृषि और औद्योगिकीकरण से संबंधित उपज के में आने वाली कठिनाइयों को दूर करने के साथ ही उपज का बेहतर दाम मिले, इसके लिए इलेक्ट्रॉनिक व डिजिटल राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-नाम) से किसानों को जोड़ा जा रहा है। इससे वे उपज को देश के किसी भी हिस्से में बेच सकते हैं। इस कड़ी में उत्तराखंड के किसानों ने भी समय के साथ कदम बढ़ाए हैं। कुछ समय पहले तक राज्य की कुल 23 में 16 मंडियां ई-नाम से जुड़ चुकी थीं और अब यह संख्या 19 हो गई है। अभी तक देखें तो राज्य के किसान ई-नाम में रुचि लेने लगे हैं।
*जानकारी के मुताबिक किसानों पंजीकृत ई- नाम *
88564 किसान ई-नाम में पंजीकृत हो चुके हैं और यह क्रम बना हुआ है। 189 एफपीओ, 5494 व्यापारी, 2691 कमीशन एजेंट 62 सेवा प्रदाता भी इससे जुड़े हैं। यहां के किसान 40.62 लाख क्विंटल. का व्यापार कर चुके हैं। इसकी कुल लागत 539 करोड़ रुपये है। साफ है कि किसान अब यहां उत्पादित मंडुवा, झंगोरा, रामदाना, राजमा समेत अन्य उत्पादों को ई-नाम के माध्यम से बेचकर मुनाफा कमा रहे हैं। जहां दाम अधिक मिल रहा, वहीं वे उपज को बेच रहे हैं। उन्हें भुगतान भी इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से हो रहा है। निश्चित रूप से ई-नाम की पहल कृषि क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक व डिजिटल के मामले में किसी क्रांति से कम नहीं है।
आवश्यकता इस बात है कि अधिक से अधिक किसान ई-नाम से जुड़ें, इसके लिए उन्हें जागरूक किया जाए। उम्मीद की जानी चाहिए कि सरकार इस दिशा में गंभीरता से कदम उठाएगी।
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