मोरक्को में भूकंप से 632 लोगों की मौत, आंतरिक मंत्रालय ने कहा- बढ़ सकता है मरने वालो का आंकड़ा..

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मोरक्को में शुक्रवार रात भीषण भूकंप के कारण कम से कम 632 लोगों की मौत हो गई और ऐतिहासिक मराकेश शहर से लेकर एटलस पर्वत पर स्थित गांवों तक कई इमारतें क्षतिग्रस्त हो गईं।देश के गृह मंत्रालय ने शनिवार तड़के बताया कि भूकंप के कारण कम से कम 632 लोगों की मौत हो गई है और 329 घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है।मंत्रालय ने बताया कि सबसे अधिक नुकसान शहरों और कस्बों के बाहर हुआ है। मोरक्को वासियों ने सोशल मीडिया पर कई वीडियो साझा किए हैं, जिनमें इमारतें ढहकर मलबे में बदली दिखाई दे रही हैं और चारों तरफ धूल नजर आ रही है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मोरक्को में भीषण भूकंप में लोगों की मौत पर शनिवार को शोक व्यक्त किया और कहा कि भारत इस मुश्किल वक्त में उसे हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, ”मोरक्को में भूकंप के कारण लोगों की मौत से अत्यधिक दुखी हूं। दुख की इस घड़ी में, मेरी संवेदनाएं मोरक्को के लोगों के साथ हैं। अपने प्रियजनों को खोने वाले लोगों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त करता हूं। घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। भारत इस मुश्किल वक्त में मोरक्को को हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है।’

अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) ने बताया कि रात 11 बजकर 11 मिनट पर आए भूकंप की प्रारंभिक तीव्रता 6.8 थी और भूकंप बाद के झटके कई सेकंड तक जारी रहे। अमेरिकी एजेंसी ने 19 मिनट बाद 4.9 तीव्रता का भूकंप के बाद का झटका आने की सूचना दी। शुक्रवार को आए इस भूकंप का केंद्र मराकेश से लगभग 70 किलोमीटर दक्षिण में अल हौज प्रांत के इघिल शहर में था।यूएसजीएस ने बताया कि भूकंप का केंद्र पृथ्वी की सतह से 18 किलोमीटर गहराई में था, जबकि मोरक्को की भूकंप निगरानी एजेंसी के मुताबिक, इसका केंद्र आठ किलोमीटर गहराई में था। उत्तरी अफ्रीका में भूकंप अपेक्षाकृत कम आते हैं। ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ जियोफिजिक्स’ में भूकंपीय निगरानी और चेतावनी विभाग के प्रमुख लाहकन म्हन्नी ने ‘2एम’ टीवी से कहा कि यह क्षेत्र में आया अब तक का सबसे शक्तिशाली भूकंप है।मोरक्को के अगादिर शहर के पास 1960 में 5.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसके कारण हजारों लोगों की मौत हो गई थी। इस भूकंप के बाद मोरक्को में निर्माण संबंधी नियमों में बदलाव किया गया था, लेकिन कई इमारतें, खासकर गांवों में घर भूकंप रोधी नहीं हैं।भूमध्यसागरीय तटीय शहर अल होसेइमा के पास 2004 में आए 6.4 तीव्रता के भूकंप में 600 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। ‘पुर्तगीज इंस्टीट्यूट फॉर सी एंड एटमॉस्फियर’ और अल्जीरिया की नागरिक सुरक्षा एजेंसी के अनुसार, भूकंप के झटके पुर्तगाल और अल्जीरिया तक महसूस किए गए।

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