बिहार में हुई जाति आधारित जनगणना की रिपोर्ट जारी हो गई है। बिहार में पिछड़ा वर्ग 27.13%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग 36.01%, सामान्य वर्ग 15.52% है। बिहार की कुल आबादी 13 करोड़ से अधिक है।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ट्वीट कर लिखा,“आज गांधी जयंती के शुभ अवसर पर बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना के आंकड़े प्रकाशित कर दिए गए हैं। जाति आधारित गणना के कार्य में लगी हुई पूरी टीम को बहुत-बहुत बधाई!”
JDU नेता के. सी. त्यागी ने कहा, “कर्पूरी ठाकुर और वी.पी.सिंह के बाद पिछड़े और अतिपिछड़े वर्ग के सर्वाधिक लोकप्रिय नेता के रूप में नीतीश कुमार उभरे हैं। आज साबित हुआ है कि वे (पिछड़ा वर्ग) 63% हैं। हम नीतीश कुमार को सलाम करते हैं और चाहते हैं कि देश में घूमकर जनता को आंदोलित करें जिससे हर राज्य को जातीगत जनगणना करानी पड़े। यह अगले चुनाव के लिए एजेंडा तय हुआ है।”
बिहार के पूर्व CM और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने कहा, आज गांधी जयंती पर हम सभी इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने हैं। भाजपा की तमाम साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम साजिशों के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे जारी कर दिया। ये आंकड़े वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और प्रगति के लिए समग्र योजना बनाने और आबादी के अनुपात में वंचित समूहों को प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए एक उदाहरण स्थापित करेंगे।बिहार सरकार द्वारा जातीगत जनगणना की रिपोर्ट जारी करने पर केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह “जातीय जनगणना बिहार की गरीब जनता में भ्रम फैलाने के सिवा कुछ नहीं है। नीतीश कुमार के 15 साल और लालू यादव के 18 साल के अपने कार्यकाल का रिपोर्ट कार्ड देना चाहिए था कि उन्होंने अपने कार्यकाल में गरीबों का क्या उद्धार किया, कितने लोगों को नौकरी दी। यह रिपोर्ट भ्रम के अलावा कुछ नहीं।”
बिहार सरकार ने जाति जनगणना रिपोर्ट जारी की। कुल जनसंख्या अब 13 करोड़ से अधिक (13,07,25,310) है
बिहार सरकार द्वारा जारी जाति सर्वेक्षण:
ओबीसी: 27%
ईबीसी: 36.01%
एससी: 19.65%
एसटी: 1.68%
यूसी : 15.52%
राजपूत: 3.45%
ब्राह्मण : 3.67%
भूमिहार : 2.89%
यादव : 14.26 %
कुर्मी : 2.87%
तेली : 2.81%