लखनऊ के आकाश में ज्ञान का महाकुंभ TEDxIET लखनऊ ने ‘From Spark to Impact’ थीम में उत्सव और नवाचार का मंत्र फूँक दिया।

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लखनऊ: इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (आईईटी), लखनऊ में आज TEDxIETLucknow 2025 का
सफल आयोजन हुआ, जिसकी थीम “फ्रॉम स्पार्क टू इम्पैक्ट” रही।

यह थीम इस विचार को दर्शाती है कि छोटी-सी सोच भी सही दृष्टि, प्रयास और निरंतरता से बड़े प्रभाव में बदल सकती है।

कार्यक्रम की शुरुआत सुबह 8:30 बजे से 9:00 बजे तक पंजीकरण के साथ हुई, जिसके बाद निदेशक आईईटी लखनऊ, प्रोफेसर विनीत कंसल, इंस्टेक छात्र खेल और सांस्कृतिक परिषद के चेयरमैन डॉ. सत्येंद्र सिंह, आर्ट्स एंड कल्चर के फैकल्टी कोऑर्डिनेटर डॉ. पुष्कर त्रिपाठी तथा आमंत्रित वक्ताओं द्वारा दीप प्रज्वलन किया गया।

कार्यक्रम में कई प्रतिष्ठित वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए।

आरजे प्रतीक ने बताया कि रेडियो में उनकी शुरुआत लोगों से जुड़ने की क्षमता, निरंतर अभ्यास और सहज हास्य ने मजबूत बनाई। उन्होंने युवाओं को अपनी विशेषता पहचानने और उसे निखारने की प्रेरणा दी।

डॉ. अनिल रस्तोगी (वैज्ञानिक एवं फिल्म/थिएटर निर्देशक) ने विज्ञान और रंगमंच में अपनी समानांतर यात्रा साझा की। उनका संदेश था कि बहुआयामी रुचियाँ व्यक्ति को गहराई प्रदान करती हैं और जुनून को समय देने से जीवन में नए अवसर बनते हैं।

डॉ. गीतिका श्रीवास्तव (एसोसिएट प्रोफेसर) कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित चिकित्सीय निदान पर अपने शोध के माध्यम से बताया कि आधुनिक तकनीक स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक सटीक और प्रभावी बना रही है। उन्होंने शोध कार्य में जिज्ञासा और निरंतर सीखने पर बल दिया।

वित्तीय पत्रकार मेघना मित्तल ने कहा कि करियर की शुरुआत भले ही जुनून से होती है, लेकिन उसे आगे बढ़ाती है दृढ़ता और लगातार सीखने की इच्छा।

एमएस टॉक्स के चेयरमैन सुप्रीत सिंह अरोड़ा (ऑथर शैरी) ने युवाओं को व्यक्तित्व विकास के लिए आत्म-जागरूकता, अभिव्यक्ति कौशल, अनुशासन और विकासवादी मानसिकता जैसे कौशलों की आवश्यकता बताई।

पॉसिबल एजुकेशन की सह-संस्थापक डॉ. सुरभि मोदी सहाई ने कहा कि शिक्षा केवल जानकारी का माध्यम नहीं, बल्कि निर्णय क्षमता, आत्मविश्वास और जीवन कौशल का आधार है। उन्होंने विद्यार्थियों को सही दिशा और सही सोच अपनाने की प्रेरणा दी।

खेल विज्ञान विशेषज्ञ ज़ेनिया समर ने कहा कि सफलता शरीर, मन और आदतों के संतुलन पर आधारित होती है। उन्होंने उचित पोषण, मानसिक स्थिरता और नियमितता को दीर्घकालिक सफलता का सूत्र बताया।

पत्रकार, करियर कोच दिनेश पाठक ने कहा कि आने वाले समय में कौशल ही वास्तविक “मुद्रा” होंगे। उन्होंने बताया कि डिग्री से अधिक महत्वपूर्ण यह होगा कि व्यक्ति क्या कर सकता है और बदलती तकनीक के साथ अपने आपको कैसे सक्षम बनाए रखता है।

समापन सत्र में निदेशक आईईटी लखनऊ, प्रोफेसर विनीत कंसल ने आयोजन में शामिल सभी विद्यार्थियों और संकाय सदस्यों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि टेडएक्स जैसे आयोजन विद्यार्थियों में नई सोच, नई ऊर्जा और नए अवसरों की चिंगारी जगाते हैं। उन्होंने आईज़ेक (इंस्टेक छात्र खेल और सांस्कृतिक परिषद) तथा उसके चेयरमैन डॉ. सत्येंद्र सिंह और आर्ट्स एंड कल्चर के फैकल्टी कोऑर्डिनेटर डॉ. पुष्कर त्रिपाठी के समन्वय को भी सराहा।

निदेशक प्रो. कंसल ने विशेष रूप से टेडएक्स टीम के प्रयासों की प्रशंसा की, जिसने पूरे आयोजन की योजना, समन्वय, अतिथि प्रबंधन, मंच संचालन, डिज़ाइन कार्य, तकनीकी व्यवस्था और संपूर्ण निष्पादन को अत्यंत उत्कृष्ट रूप से सम्पन्न किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की यह टीम ही टेडएक्स आईईटी लखनऊ की असली ऊर्जा और सफलता की आधारशिला है। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि इस वर्ष के टेडएक्स कार्यक्रम के आयोजक गनाना वर्धन थे, जबकि सह-आयोजक की भूमिका सार्थक उपाध्याय ने निभाई। दोनों के नेतृत्व, समर्पण और लगातार प्रयासों ने कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

टेडएक्स आईईटी लखनऊ 2025 — “फ्रॉम स्पार्क टू इम्पैक्ट” विचारों, अनुभवों और प्रेरणा का एक सफल संगम रहा, जिसने विद्यार्थियों में नई ऊर्जा और नई दृष्टि का संचार किया।

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