प्रदेश के जंगलों में बढ़ती आग की घटनाओं के साथ ही वन विभाग ने विभिन्न प्रभागों में फायर वाचरों की तैनाती शुरू कर दी है, जो जंगल की आग को बुझाने में मददगार साबित होंगे। प्रदेश में अब तक 75 वनाग्नि की घटनाओं में 131 हेक्टेयर जंगल जल चुका है। इस बार फायर वाचर की तैनाती में तकनीकी दिक्कतों के कारण देरी हुई। अब जाकर प्रभागीय वनाधिकारियों की ओर से प्रभागों में फायर वाचर की तैनाती की जा रही है ।
प्रदेश में फायर सीजन के दौरान हर साल फायर वाचर की तैनाती की जाती है। इन्हें न्यूनतम मजदूरी दर पर निश्चित समय के लिए रखा जाता है। इस बार फायर वाचर की तैनाती में तकनीकी दिक्कतों के कारण देरी हुई। अब जाकर प्रभागीय वनाधिकारियों की ओर से प्रभागों में फायर वाचर की तैनाती की जा रही है।वनाग्नि की यह घटनाएं 33 गढ़वाल में, 29 कुमाऊं क्षेत्र में और 13 संरक्षित वन क्षेत्रों में हुई हैं। वनाग्नि की इन घटनाओं में अब तक 51 लाख 94 हजार 420 रुपये की क्षति का आकलन किया गया है, जबकि बीते 12 घंटे में गढ़वाल में चार और कुमाऊं में वनाग्नि की तीन घटनाएं रिपोर्ट की गई हैं।इनमें 21 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है, जबकि 35 हजार रुपये नुकसान का आकलन किया गया है। मुख्य वन संरक्षक, वनाग्नि एवं आपदा प्रबंधन निशांत वर्मा ने बताया कि वनों की आग से निपटने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। प्रभागीय वनाधिकारियों को फायर वाचर रखने के साथ ही समुदाय के लोगों का सहयोग लेने के लिए भी कहा गया है।