वॉशिंगटन :-111 साल पहले अटलांटिक महासागर में डूबे टाईटैनिक जहाज का मलवा देखने गए पाकिस्तान के शहजादा दाऊद और उनके पुत्र की पनडुब्बी हादसे में मौत हो गई है। पनडुब्बी को ऑपरेट करने वाली कंपनी ओशियनगेट ने बताया कि लापता टाइटैनिक पनडुब्बी के सभी पांच यात्रियों की मौत हो गई है।
इस पनडुब्बी से पाकिस्तानी अरबपति शहजादा दाऊद, उनके बेटे सुलेमान दाऊद, ब्रिटिश अरबपति हामिश हार्डिंग, फ्रेंच एक्सप्लोरर पॉल आनरी नार्जेलेट और ओशनगेट के सीईओ स्टॉकटन रश अटलांटिक महासागर में डूबे टाइटैनिक जहाज का मलबा देखने जा रहे थे। रविवार दोपहर को लापता हुई इस पनडुब्बी के बारे में यूनाइटेड स्टेट्स कोस्ट गार्ड ने बताया कि टाइटन सबमर्सिबल को विस्फोट के कारण भयंकर नुकसान हुआ है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक टाइटैनिक पनडुब्बी के लापता हो जाने के बाद उत्तरी अटलांटिक में हजारों किलोमीटर तक बड़े पैमाने पर खोज की गई। इस सर्च ऑपरेशन में अमेरिकी और कनाडाई एजेंसियों के साथ- साथ अन्य अंतरराष्ट्रीय एजेंसियां भी शामिल थी। फिलहाल सर्च टीम को टाइटैनिक जहाज के पास लापता पनडुब्बी का मलबा मिला है। यूएस कोस्ट गार्ड के अनुसार, पनडुब्बी का मलबा मिलने के बाद विशेषज्ञों की टीम जांच करने में जुट गई है।
दो करोड़ रुपए है एक ट्रिप का खर्चा
टाइटैनिक अपने समय का सबसे लंबा और सबसे आलीशान जहाज था जो 10 अप्रैल 1912 को इंग्लैंड के साउथेप्टन से अमेरिका के न्यूयॉर्क जाने के दौरान बीच रास्ते में बर्फ़ के विशाल टुकड़े से टकरा कर डूब गया था। इस हादसे में डेढ़ हज़ार से अधिक लोग मारे गए थे और लगभग आठ सौ लोगों को सुरक्षित निकाला गया था। दशकों तक इसका मलवा खोजने की कोशिश के बाद सितंबर 1985 में मलबे की लोकेशन पता चली। वैज्ञानिकों और एक्सप्लोरर्स की रिसर्च के बाद 2010 के दशक में मलवे को देखने के लिए कुछ कंपनियों ने टाइटैनिक टूरिज्म की शुरुआत की। समुद्र की 12,500 फीट गहराई में टाइटैनिक का मलबा देखने जाने, वहां घूमने और वापस आने तक में आठ घंटे का समय लगता है। प्रति व्यक्ति एक ट्रिप दो करोड़ रुपए की होती है। इसलिए यह ट्रिप अमीरों के एडवेंचर गेम में बदल चुकी है।