मणिपुर : मणिपुर में अशांति और बड़े पैमाने पर हिंसा फैलाने के लिए सीमा पार से हथियार मणिपुर में भेजे जा रहे हैं । ख़ुफ़िया एजेंसियां की रिपोर्ट के मुताबिक इस महीने जून में हथियारों की एक बड़ी खेप म्यांमार के रास्ते मणिपुर में पहुचाई गई है। खुफिया सूत्रों के मुताबिक तीन गाड़ियों में हथियारों के एक बड़े जखीरे को मणिपुर में सक्रिय कुकी उग्रवादियों ग्रुप को मुहैय्या कराया गया है। एजेंसियों को शक है कि मणिपुर में सक्रिय उग्रवादी गुटों को म्यांमार में सक्रिय चरमपंथी गुट चिन डिफेंस फ़ोर्स से ये हथियार मिल रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक म्यांमार चीन बॉर्डर पर स्थित ब्लैक मार्केट से हथियारों को मणिपुर में भेजा जा रहा है। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी उग्रवादी संगठनों से अपने हथियारों को केंद्रीय सुरक्षा बलों को जमा करने को कहा था। सुरक्षा एजेंसियों ने ये भी कहा था कि समय सीमा पूरी हो जाने के बाद जिन लोगों ने अपने अवैध हथियारों को जमा नहीं किया होगा उन पर कड़ी करवाई की जाएगी।
कानून व्यवस्था बनाने को 36,000 जवान हैं तैनातगृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक 13 जून से अब तक सुरक्षा बलों से लूटे गये 2000 के करीब हथियारों को जमा कराया जा चुका है। मणिपुर में कानून व्यवस्था की स्थित को दुरुस्त करने के लिए 36,000 जवानों को तैनात किया गया है। खुफिया एजेंसियों को आशंका है कि मणिपुर में हथियारों को भेजने के लिए उग्रवादी संगठन भारत-म्यांमार की खुली सीमा के जरिये हथियारों को पहुंचा रहे हैं। हालांकि मणिपुर में हिंसा (Manipur Violence) को रोकने के लिए सीमा पर असम राइफल्स को अलर्ट कर दिया गया है और भारत म्यांमार के खुली सीमा पर लगातार नज़र रखी जा रही है।