केरल में निपाह वायरस फैलता जा रहा है कई मामले सामने आ चुके हैं, यह वायरस जानवरों से इंसानों और इंसानों से इंसानों में फैल सकता है, इसलिए खतरा काफी ज्यादा है।निपाह वायरस का ख़तरा हर बीतते दिन के साथ बढ़ता ही जा रहा है. बीते कुछ दिनों से इससे पीड़ित लोगों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।जानकारों के मुताबिक निपाह वायरस से पीड़ित लोगों में मृत्यु दर कोरोना वायरस से होने वाली मौतों से भी अधिक है. यानी की कोरोना की तुलना में जो लोग निपाह वायरस की चपेट मे आ गए हैं उनकी मौत की आशंका कहीं ज्यादा है. बता दें केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस का कहर देखने को मिल रहा है। यहां निपाह वायरस के बढ़ते केस की वजह से लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। निपाह वायरस को देखते हुए कोझिकोड में सभी शैक्षणिक संस्थानों को आने वाले रविवार यानी 24 सितंबर तक के लिए बंद कर दिया गया है। इसमें स्कूल, प्रोफेशनल कॉलेज और ट्यूशन सेंटर्स शामिल हैं। कोझिकोड जिला प्रशासन के मुताबिक पूरे हफ्ते सभी शैक्षणिक संस्थानों में ऑनलाइन क्लास दी जा सकती है। इस बाबत केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने 15 सितंबर यानि शुक्रवार को कहा कि अब तक निपाह वायरस से संक्रमित मरीजों के संपर्क में आने वालों की संख्या बढ़कर 1008 पहुंच गई है ।तो वही दिल्ली से तीन टीम केरल गई है।
निपाह वायरस के ताजा मामलों से केरल में दहशत फैल गई है। अब तक नए 6 मामलों की पुष्टि हुई है। संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं। निपाह वायरस से खतरा इसलिए भी अधिक है क्योंकि यह कई प्रकार से फैलता है। जानवरों से इंसानों में और इंसानों से इंसानों में संक्रमण की पुष्टि रिसर्च पेपर्स में हो चुकी है। निपाह से संक्रमित जानवरों जैसे- चमगादड़ और सुअर के संपर्क में आने से भी वायरस फैलता है। भारत में साल 2001 से अब तक निपाह वायरस के कम से कम 5 आउटब्रेक हो चुके हैं। पहला आउटब्रेक पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी में हुआ था। बाकी सभी केरल में। निपाह वायरस का किल रेट कोरोना से काफी अधिक है यानि की संक्रमण होने के बाद मौत का खतरा काफी बढ़ जाता है। केरल के 6 में से 2 मरीजों की इस संक्रमण से मौत हो चुकी है। ऐसे में यह जान लेना बेहद जरूरी है कि निपाह वायरस कैसे फैलता है।
संक्रमण से बचाव के लिए आप क्या-क्या सावधानी बरती जा सकती हैं पढ़े :
निपाह वायरस कैसे फैलता है, जान लीजिए :
• निपाह वायरस मनुष्य को सीधे संपर्क से संक्रमित करता है। यदि संक्रमित जानवर के शारीरिक द्रव्यों (लार, खून आदि) के संपर्क में आए तो इंफेक्शन हो सकता है।
• फ्रूट बैट्स को निपाह वायरस का मेन कैरियर कहा जाता है।
• चमगादड़ों के मुंह लगाए फल खाने से भी इंसानों को निपाह वायरस हो सकता है।
• इंसानों से इंसानों में संक्रमण फैलने के भी केस सामने आए हैं।
निपाह वायरस के लक्षण क्याा हैं, कौन सी बीमारी होती है :
मिली जानकारी के मुताबित, मनुष्य में निपाह वायरस के लक्षण संक्रमण के 5-14 दिनों में भीतर नजर आने लगते हैं। शुरुआती लक्षणों में सिरदर्द और बुखार शामिल हैं। कुछ मरीजों को सांस से जुड़ी समस्या भी हो सकती है। इसके बाद थकान, मानसिक तनाव जैसे लक्षण नजर आने लगते हैं। 24-48 घंटों में ये लक्षण मरीज को कोमा में पहुचा सकते हैं। निपाह वायरस से आखिर में इंसेफेलाइटिस ( encephalitis) (दिमाग फूल जाना) और एक्यूट रेस्पिरेटरी डिस्ट्रेस सिंड्रोम (acute respiratory distress syndrome) बीमारी होती है। मरीज की मौत इन्हीं 2 बीमारियों के कारण से होती है।
निपाह वायरस की अभी कोई वैक्सीन भी नहीं है:
निपाह वायरस की मृत्युर-दर काफी अधिक (40-80%) है। जब की कोविड की 2-3 % थी. इस वायरस के लिए अब तक कोई वैक्सीन नहीं है। इलाज भी लक्षणों के आधार पर किया जाता है। आमतौर पर मरीजों को एंटी-विट्रोलिक ड्रग्स (anti vitrolytic drugs) दिए जाते हैं। प्रयोग के तौर पर इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने मोनोक्लोनल एंटीबॉडी ट्रीटमेंट (monoclonal antibody treatment) शुरू किया है। अगले 100 दिन में वैक्सीन बनाने की योजना बनाई गई है.
क्या हैं निपाह वायरस से बचाव का तरीका
जानवरों या पक्षियों के झुठे फल न खाएं।
• चमगादड़ व अन्य पक्षियों से दूरी बनाए रखें।
• चमगादड़ से प्रभावित क्षेत्रों में बनी ताड़ी का सेवन न करें।
चूंकि निपाह वायरस भी कोविड की तरह इंसानों से इंसानों में फैल सकता है, इसलिए इसका प्रिवेंशन प्रोटोकॉल भी कोरोना जैसा है।
ये करें फॉलो टिप्स:
• डबल मास्क पहनें
• ठीक से हाथ धोएं
• PPE किट्स पहनकर अस्पताल जाएं
केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस का छठा केस मिलने के बाद सभी स्कूल-कॉलेज और ट्यूशन सेंटर्स को 24 सितंबर तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। दूसरी तरफ निपाह वायरस से संक्रमितों के कॉन्टैक्ट में आने वाले लोगों की संख्या 1008 हो गई है।