भारत के पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में हालत बिगड़ने के बाद सरकार ने पूरे राज्य को ‘अशांत क्षेत्र’ घोषित कर दिया है। वहीं इंटरनेट पर भी बैन लगा दिया गया है। बता दें हाल ही में सरकार ने 23 सितंबर को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी थीं।मणिपुर गृह विभाग की ओर से आज जारी हुई अधिसूचना के अनुसार, राज्यपाल की राय है कि विभिन्न चरमपंथी समूहों की हिंसक गतिविधियों की वजह से पूरे मणिपुर में नागरिक प्रशासन की सहायता के लिए सशस्त्र बलों की जरूरत है। इनमें इम्फाल, लाम्फेल, सिटी, सिंगजामेई, सेकमाई, लामासांग, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हेइंगांग, लामलाई, इरिलबुंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरांग, काकचिंग और जिरीबाम भी शामिल हैं। हालांकि राज्य के 19 पुलिस स्टेशन में शांति है, जिन्हें अशांत क्षेत्र से बाहर रखा गया है।
दो लापता छात्राओं की मौत के बाद हालात तनावपूर्ण
दरअसल राज्य में दो लापता छात्रों की मौत के बाद हालात फिर तनाव पूर्ण होने लगे हैं। इंफाल शहर और घाटी के दूसरे इलाकों में छात्र उग्र प्रदर्शन पर उतर आए हैं। हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। बुधवार की रात भी इंफाल की सड़कों पर जमकर हंगामा और प्रदर्शन हुआ। मणिपुर के विधायकों ने गृह मंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर इस मामले की भी सीबीआई जांच करने की मांग की है। चिट्ठी के तुरंत बाद केंद्र सरकार हरकत में आई और गुरुवार की सुबह सीबीआई के बड़े अधिकारियों के नेतृत्व में पूरी टीम इंफाल की ओर रवाना हो गई। मणिपुर में हिंसा और यौन हिंसा के कई मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी गई है। अफवाहों को रोकने के लिए सरकार ने 26 सितंबर से एक बार फिर मोबाइल इंटरनेट पर बैन लगाने का आदेश जारी कर दिया है।
बड़ा विकास, 19 पुलिस स्टेशनों को छोड़कर मणिपुर के पूरे क्षेत्र को छह महीने की अवधि के लिए “अशांत क्षेत्र” घोषित किया गया है।