देश का अब तक का सबसे बड़ा डेटा लीक का खुलासा 81.5 करोड़ भारतीयों का नाम, नंबर, आधार और पासपोर्ट डिटेल डार्क वेब पर बेचा जा रहा…

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भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पास 81.5 करोड़ भारतीयों का डिटेल उपलब्ध था। यह डेटा लीक हो चुका है

देश का अब तक का सबसे बड़ा डेटा लीक का खुलासा हुआ है। आईसीएमआर के पास मौजूद 81.5 करोड़ लोगों का डेटा ग्रे मार्केट में पहुंच गया है। देशवासियों का डिटेल लीक होने का संज्ञान में लेते हुए सीबीआई जांच कर सकती है। हालांकि, अभी आईसीएमआर ने इस संबंधी कोई शिकायत नहीं की है।

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के पास 81.5 करोड़ भारतीयों का डिटेल उपलब्ध था। यह डेटा लीक हो चुका है। मामले में सीबीआई जांच कर सकती है। एक ‘थ्रेट एक्टर’ ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) हैंडल पर डार्क वेब पर ब्रीच्ड फोरम में डेटाबेस का विज्ञापन किया है। इस एड में 81.5 मिलियन भारतीय नागरिकों के रिकॉर्ड शामिल हैं। इस डेटाबेस में भारतीयों के नाम, फोन नंबर और पते के साथ आधार और पासपोर्ट की जानकारी भी है। फोरम में दावा किया गया है कि भारतीयों के कोविड-19 टेस्ट के डेटा हैं जोकि आईसीएमआर के पास थे।

फरवरी से कई बार आईसीएमआर में साइबर अटैक

रिपोर्ट की मानें तो आईसीएमआर के डेटाबेस में फरवरी महीना से कई बार साइबर अटैक हो चुका है। इस साइबर अटैक की जानकारी केंद्रीय एजेंसियों के साथ साथ आईसीएमआर को भी थी। पिछले साल आईसीएमआर सर्वर को हैक करने की 6,000 से अधिक कोशिशें की गईं। सूत्रों ने कहा कि एजेंसियों ने आईसीएमआर से किसी भी डेटा लीक को रोकने के लिए आवश्यक कार्रवाई करने को भी कहा था।बताया जा रहा है कि CERT-In ने आईसीएमआर को डेटा लीक के बारे में जानकारी देते हुए सैंपल डेटा वेरिफिकेशन के बारे में कहा है। एजेंसी ने सेल के लिए जारी किए गए डेटा को आईसीएमआर के मेन डेटा से मिलान करने के कहा है।

आईसीएमआर डेटा लीक कैसे हुआ अभी स्पष्ट नहीं

विभिन्न साइबर एजेंसियों और मंत्रालयों के टॉप आफिसर्स को इस मामले को देखने के लिए सरकार ने आवश्यक निर्देश दिए हैं। चूंकि, डेटा लीक मामले में विदेशी शामिल हैं इसलिए इसकी जांच प्रमुख एजेंसियों से कराने पर सरकार विचार कर रही है। सूत्रों ने पुष्टि की है लेकिन डेटा कहां से लीक हुआ है इस बारे में अभी पता नहीं चल सका है। दरअसल, कोविड-19 का डेटा एनआईसी, आईसीएमआर और स्वास्थ्य मंत्रालय को जाता है।

डार्क वेब पर करोड़ों लोगों का डेटा 

हैकर के शेयर किए गए डेटा के मुताबिक, चोरी की गई जानकारियों में आधार कार्ड और पासपोर्ट्स तक की डिटेल्स शामिल इसके साथ ही यूजर्स का नाम, फोन नंबर और ऐड्रेस की जानकारी भी मौजूद है. हैकर ने दावा किया है। कि ये डेटा Covid-19 के दौरान ICMR द्वारा इकट्ठा की गई जानकारी का हिस्सा है ।

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