चीन की रहस्यमयी बीमारी से भारत में अलर्ट !उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी तो वही WHO ने जारी की गाइडलाइन…

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चीन में नई महामारी का खतरा!
■चीन के अंदर बच्चों में फैल रही रहस्यमयी बीमारी।
■स्कूल बंद करने की तैयारी, चीनी बच्चों में फैल रहे H9N2 के मामले।
■WHO ने चीन को दी चेतावनी।

चीन में फैल रहे रहस्यमयी निमोनिया जैसी बीमारी पर भारत के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की तरफ से प्रतिक्रिया आई है।”केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय उत्तरी चीन में बच्चों में H9N2 मामलों के फैलने और श्वसन संबंधी बीमारियों के समूहों पर बारीकी से नजर रख रहा है।चीन से रिपोर्ट किए गए एवियन इन्फ्लूएंजा के मामलों के साथ-साथ श्वसन संबंधी बीमारी के समूहों से भारत में जोखिम कम है.
भारत मौजूदा स्थिति से उत्पन्न होने वाली किसी भी प्रकार की आपात स्थिति के लिए तैयार है.”

चीन में बच्चों में फैल रही बीमारी को लेकर प्रदेश में सतर्कता, सरकार की तरफ से दिशा-निर्देश जारी चीन में बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामले बढ़ने पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्य में सर्विलांस बढ़ाने के दिशानिर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तक इस तरह का कोई मामला नहीं है।चीन में बच्चों में माइक्रो प्लाज्मा निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामले बढ़ने पर केंद्र सरकार के दिशा-निर्देश के बाद उत्तराखंड भी सतर्क हो गया है। बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के लक्षणों पर विशेष निगरानी रखी जाएगी।

सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि

चीन में बच्चों में निमोनिया और इन्फ्लूएंजा फ्लू के मामले बढ़ने पर स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से राज्य में सर्विलांस बढ़ाने के दिशा-निर्देश दिए गए।उन्होंने कहा कि राज्य में अभी तक इस तरह का कोई मामला नहीं है, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी जिलों को भी अस्पतालों में विशेष निगरानी रखने के लिए निर्देश दिए जाएंगे।चीन में छोटे बच्चों में सांस से संबंधित बीमारी और निमोनिया के मामले बढ़ रहे हैं। इस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सभी देशों को अलर्ट जारी किया है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने भी सभी राज्यों को निगरानी बढ़ाने के दिशानिर्देश दिए हैं।

चीन में तेज बुखार और फेफड़े फुला देने वाली बीमारी तेजी से फैल रही है। यहां पर हर रोज 7000 बच्चे अस्पताल पहुंच रहे हैं। अक्टूबर 2023 से यह बीमारी वहां पर पैर पसारने शुरू कर दिए थे। अब यह और भी तेजी से बढ़ रहे हैं। जिसकी वजह से यह माना जा रहा है कि कोरोना की तरह यह भी संक्रामक बीमारी है। हालांकि इस बीमारी के लक्षण निमोनिया (pneumonia) से मिलते जुलते हैं। जिसका वैज्ञानिक नाम H9N2 है। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इसमें कफ नहीं हो रहा है।

तो चलिए जानते हैं इस बीमारी के बारे में कि आखिर ये है क्या चीज

इस बीमारी को लेकर स्वीडन के संक्रामक रोग विशेषज्ञ डॉक्टर राम शंकर उपाध्याय से बातचीत की। जिसमें उन्होंने कई बातों का खुलासा किया। उन्होंने बताया कि भारत समेत पूरी दुनिया के लिए यह कितना खतरनाक हो सकता है। उन्होंने बताया कि चीन ने इसे लेकर अभी तक कोई डेटा रिलीज नहीं किया है। वो इस बीमारी को मिस्टीरियस निमोनिया बता रहे हैं। वहीं कुछ लोग इसे वॉकिंग निमोनिया कह रहे हैं।

कैसे फैलती है यह बीमारी

निमोनिया बैक्टीरियल इंफेक्शन के जरिए फैलती है। इस बैक्टीरिया को माइको प्लाज्मा निमोनिया बैक्टीरिया कहते हैं। सर्दी के वक्त निमोनिया फैलती है। इसके पीछे वजह है तापमान। 8 से 15 डिग्री तक के तापमान में बैक्टीरिया सक्रिय हो जाते हैं।वहीं इस महीने में प्रदूषण भी ज्यादा होता है जिसकी वजह से बैक्टीरिया लोगों को अपना शिकार बनाता है।

चीन में फैल रही बीमारी क्या निमोनिया है –

चीन के हेल्थ डिपार्टमेंट का कहना है कि यह बीमारी सामान्य निमोनिया ही है। कोई दूसरा बैक्टीरिया या वायरस संक्रमण नहीं है। लेकिन हैरानी की बात है कि सामान्य निमोनिया की तरह बच्चों में कफ नहीं बन रहा है। उनके छाती के एक्सरे में लंग्स पर नोड्यूल यानी एक तरह का गोल चकत्ता नजर आ रहा है। जिसे पल्मोनरी नोड्यूल कहते हैं। इस तरह के नोड्यूल बैक्टीरियल इंफेक्शन में ही बनते हैं। वायरल इंफेक्शन में ऐसा नहीं होता है। डॉक्टर राम शंकर उपाध्याय बताते हैं कि पीड़ित बच्चों को देखकर लग रहा है कि यह सिर्फ र्फ माइको प्लाज्मा निमोनिया का ही केस नहीं, बल्कि कोई वायरल इंफेक्शन भी हैं। एक साथ उनपर बैक्टीरिया और वायरस दोनों का अटैक हुआ है।

दवाई भी नहीं कर रही काम –

अगर बच्चों में सिर्फ माइको प्लाज्मा निमोनिया होता तो उसके लिए दवाइयां है, जिससे यह कंट्रोल में आ जाता। लेकिन बच्चों पर ये मेडिसिन सही तरीके से काम नहीं कर रही है। प्रो-मेड नाम के एक सर्विलांस प्लेटफॉर्म ने बताया है कि एक दिन में 13 हजार बच्चे बीजिंग के अस्पतालों में भर्ती हुए हैं। हर ती 7000 बच्चे अस्पताल में पहुंच रहे हैं। हालांकि चीन ने भी रविवार (26 नवंबर) को माना किय ये कई पैथोजन यानी रोगाणुओं से फैलने वाली बीमारी है।

क्या है संक्रामक बीमारी है?

जिस तरह चीन में मरीजों की संख्या बढ़ रही है। उसे देखकर लग रहा है कि ये बीमारी संक्रामक है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकती है। कमजोर इम्युन वाले बच्चों को ये अपना शिकार बना रहे हैं।

इस बीमारी के लक्षण –

सांस की नली में सूजन

खांसी

बुखार

गले में खराश या दर्द

फेफड़े में सूजन की शिकायत

क्या भारत समेत दुनिया को इससे डरना चाहिए?

चीन के कई हिस्सों में यह बीमारी पैर पसार चुकी है। वियतनाम से भी मामले सामने आ चुके हैं। जो यह बताता है कि यह बीमारी ट्रैवल करने वाली है। इसका मतलब है कि कोरोना की तरह यह बीमारी भारत समेत दूसरे मुल्कों में भी फैल सकती है। भारत सरकार ने इसे लेकर गाइडलाइन भी जारी कर दिया है। WHO ने इस बीमारी को लेकर गाइडलाइन जारी किया है।

क्या है WHO का गाइडलाइन?

किसी भी तरह के बुखार के लक्षण नजर आने पर खुद से कोई दवा न लें।

बुखार का कोई भी लक्षण नजर आने पर डॉक्टर से संपर्क करें।

किसी भी भीड़भाड़ वाले इलाके में जाने से बचें।

मास्क और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करें।

सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें।

बच्चों और बुजुर्ग के सामान को हाइजीन रखें।

सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन करें।

बच्चों और बुजुर्गों के सभी सामानों को साफ-सुथरा रखें।

खांसते या छींकते समय मुंह को रुमाल या हाथ से ढक लें।

लोग अपने घरों और दफ्तरों के पास साफ-सफाई रखें।

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