Spread the love

अगर मात्र राम जी के वनवास काल से लौट आने के भाव पे आपकी आंखें द्रवित हो रही हैं तो मानिए की भगवान का अंश आपके हृदय में विराजमान है। इस भाव इस भक्ति के मार्ग पे अपना मस्तक ऊंचा रखके आगे बढ़िए। आज के दिन को वह अच्छादित भाव दीजिए जैसे एक छोटा बच्चा अपने पिता के आगमन पे लालायित होके दरवाजे को निहारता रहता है। आप इस क्षण के साक्षी हैं यही आपका सौभाग्य है। आइए अपने प्रभु राम की अगुवाई में लेश मात्र भी कमी ना रखें। आज दिवाली समक्ष हर्षाउत्सव है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *