लाठीचार्ज के विरोध में बेरोजगार संघ का कल प्रदेशव्यापी बंद का आह्वान, सीएम धामी ने की ये अपील, कांग्रेस ने दी ये प्रतिक्रिया….

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उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में गुरुवार को प्रदर्शन कर रहे बेरोजगारों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने शुक्रवार, 10 फरवरी को प्रदेशव्यापी बन्द का आह्वान किया है। इस संबंध में संघ की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में समस्त सामाजिक संगठन, पूर्व सैनिक संगठन, छात्र संगठन, राजनैतिक संगठन, कर्मचारी संगठन, टैक्सी यूनियन संगठन, व्यापार संगठन एवं अन्य संगठनों से सहयोग की अपील की गई है । प्रदेशभर में हुए प्रदर्शन, पुलिस ने दून में किया लाठीचार्च उत्तराखंड में भर्ती धांधली के विरोध में प्रदेशभर में युवाओं ने दूसरे दिन भी प्रदर्शन किया। राजधानी देहरादून में सड़कों पर उतरी आक्रोशित युवाओं की भारी भीड़ के चलते कई जगहों पर ट्रैफिक जाम हो गया। प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए युवाओं ने कहा कि नकलरोधी कानून आने के बाद ही हो कोई भी भर्ती परीक्षा कराई जाए। बाद में पुलिस ने युवाओं को जबरन मौके से हटाना शुरू किया। इस दौरान दोनों पक्ष में तीखी नोकझोंक भी हुई।

इसके बाद हजारों बेरोजगारों पर अंततः पुलिस ने लाठी भांज दी। भारी पथराव के बीच पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को दौड़ा दौड़ा कर पीटा। कई प्रदर्शनकारी घायल भी हुए। मुख्य सड़क पर भगदड़ व अफरा तफरी मच गई। लाठी की मार से बचने के लिए बेरोजगारों ने गांधी पार्क, दुकानों गलियों की ओर रुख किया। काफी देर तक प्रदर्शनकारियों की पत्थरबाजी से पुलिसकर्मी भी जान बचाते देखे गए।उधर, सूत्रों का कहना है कि कुछ अराजक तत्वों ने पुलिस बल पर पथराव किया। पथराव होते ही पुलिस ने बचाव में लाठियां भांज दी। लाठीचार्ज में प्रदर्शनकरियों के चोटिल होने की भी खबर है। गुरुवार की दोपहर ही प्रदर्शनकारियों ने कांग्रेस नेता व चकराता के विधायक प्रीतम सिंह के वाहन का भी घेराव किया। इससे पूर्व, बुधवार की देर रात पुलिस ने बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार व अन्य लोगों को बलपूर्वक व लाठी चलाकर गांधी पार्क से उठा लिया था। इसके बाद गुरुवार की सुबह हुए प्रदर्शन से तनाव बढ़ गया था।

राजधानी देहरादून में गुरुवार को भी गांधी पार्क के सामने विरोध करने युवाओं की भारी भीड़ उमड़ी। इसके चलते गांधी पार्क से लेकर घंटाघर तक जाम ल गया। युवाओं ने मांग उठाई कि पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच की जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए। साथ ही जब तक नकलरोधी कानून नहीं बन जाता, तब तक कोई भी भर्ती परीक्षा न कराई जाए। उत्तराखंड बेरोजगार संघ के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश सिंह ने बताया कि लोक सेवा चयन आयोग और अधीनस्त सेवा चयन आयोग की ओर से करवाई गई सभी परीक्षाओं में जमकर धांधली हुई है। धांधली की वजह से तमाम परीक्षाएं निरस्त हुई हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस, पटवारी, वन क्षेत्राधिकारी, लोअर पीसीएस, अपर पीसीएस, आरओ, एआरओ, पीसीएस जे, प्रवक्ता एई, जेई की परीक्षाएं दे चुके युवा बेरोजगार घूम रहे हैं। ऐसे में परीक्षा नियंत्रकों पर भी सख्त कार्रवाई की जाए।प्रदर्शनकारियों का कहना है कि दोनों ही आयोग के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की सीबीआई जांच उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की निगरानी में की जाए। इसके अलावा नकल करने वाले और नकल करवाने वालों के नाम सार्वजनिक किए जाएं। सुरेश सिंह ने बताया कि पटवारी की परीक्षा 12 फरवरी को होनी है। संभव है कि इस परीक्षा में भी धांधली की जाएगी।

राहुल गांधी ने की लाठीचार्ज की निंदा

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लाठीचार्च की निंदा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा सरकार का भ्रष्टाचार युवाओं की जिंदगी बर्बाद कर रहा है। पेपर लीक होने से त्रस्त युवा जब अपनी जायज़ मांगों को ले कर सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन करने बैठे, तो उन पर भाजपा सरकार बर्बरता से लाठी चार्ज करवा रही है। राहुल गांधी ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा में मैंने युवाओं की चिंता सुनी है और मैं सरकार को बार बार आगाह कर रहा हूं कि देश के युवाओं पर बेरोज़गारी का गहरा संकट है। विद्यार्थियों से मेरा अनुरोध है वो सत्य को आधार बना कर प्रदर्शन को शांतिपूर्ण रखें। सरकार भी ज़िम्मेदारी से कदम उठाए और क्रूरता छोड़ कर उनकी मांगों को सुने।

सरकार युवाओं के हित के लिए पूरी तरह सजगः धामीउत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि हमारी सरकार प्रदेश के युवाओं के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह से सजग है। पहले की तरह हमने किसी भी भर्ती घोटाले को न तो दबाया है और न छुपाया है। जितने भी मामले सामने आए, हमने उनकी जांच कराकर, जितने भी दोषी हैं, सभी को जेल भेजा है। हमारी सरकार ने यह पहले ही तय कर लिया था कि भर्ती परीक्षाओं में नकल को रोकने के लिए कड़ा कानून बनायेंगे। देश का सबसे कड़ा नक़ल विरोधी क़ानून हम लेकर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी पुख्ता व्यवस्था की जा रही है कि भविष्य में होने वाली सारी परीक्षायें पारदर्शी और नक़ल विहीन हों। प्रदेश के युवाओं के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। हमारी सरकार युवाओं के हित में फैसले ले रही है। प्रदेश की बहन-बेटियों के लिये हमने महिला आरक्षण भी सुनिश्चित किया है। सभी के हितों को संरक्षित किया जायेगा। युवाओं से अनुरोध है कि किसी के बहकावे में न आये। युवा आंदोलन राजनैतिक षड्यंत्र, बहकावे मे न आकर धैर्य रखे युवा: भट्टउत्तराखंड भाजपा ने युवाओं के आंदोलन को कांग्रेस का राजनैतिक षडयंत्र बताते हुए युवाओं से धैर्य बरतने और सरकार के कदमों पर विश्वास जताने की अपील की है। पार्टी प्रदेश अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट ने प्रदेश के युवाओं पर भरोसा जताते हुए कहा कि वह कानून अपने हाथ में नही ले सकते है लिहाज़ा उन्होंने मुख्यमंत्री से इस पूरे षडयंत्र को लेकर जांच की मांग की है। महेंद्र भट्ट ने युवाओं से धैर्य बनाये रखने और किसी के बहकावे में नही आने की अपील की और आरोप लगाया कि काँग्रेस पार्टी शुरुआत से ही युवाओं को भड़काने में लगी हुई थी क्योंकि वह सरकार की नियुक्ति प्रकरणों में की जा रही कठोरतम कार्यवाही और उसपर जनता की संतुष्टि को हजम नही कर पा रही थी। उन्होंने कहा कि जिस तरह की जानकारियां सामने आ रही हैं उससे संदेह है कि कांग्रेस व अन्य विपक्षी पार्टियों के लोग युवाओं के बीच उन्हें भड़काने का काम कर रहे थे। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व चिंताजनक है। उन्होंने सरकार से मांग की कि इस पूरे प्रकरण के पीछे की गई साज़िश की जांच होनी चाहिए। क्योंकि हमे अपने युवाओं पर पूरा भरोसा है वह कानून अपने हाथ में नहीं ले सकते हैं।

लाठीचार्ज में घायलों को देखने दून अस्पताल पहुंचे कांग्रेस उपाध्यक्ष धस्मानाबेरोजगारों पर लाठीचार्च की घटना की उत्तराखंड कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकान्त धस्माना ने कठोर निंदा करते हुए भाजपा सरकार की युवा बेरोजगार विरोधी नीति का परिणाम बताया। लाठीचार्ज में घायलों को दून अस्पताल देखने पहुंचे धस्माना ने वहां एकत्र युवा बेरोजगारों से बातचीत में कहा कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी शुरू से ही राज्य में हुए सभी भर्ती घोटाले व पेपर लीक मामलों की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से कराने की मांग कर रही है। साथ ही इनमें शामिल व इनको संरक्षण देने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जा रही है। चाहे वो किसी भी दल या कितने भी प्रभावशाली हों। धस्माना ने कहा कि बार बार मांग करने के बावजूद सरकार के कान में जूं नहीं रेंगी और सरकार द्वारा गठित एसआईटी ने जिन लोगों को इन मामलों में गिरफ्तार किया, उनकी अब एक एक कार जमानत हो रही है। इससे साबित हो रहा है कि इन घोटालेबाजों के पीछे कहीं न कहीं भाजपा नेताओं का हाथ है। जेई एई भर्ती पेपर लीक में भाजपा नेता संजय धारीवाल की संलिप्तता ने तो इस आरोप को सच साबित कर दिया है। धस्माना ने कहा कि कांग्रेस पार्टी मुख्यमंत्री धामी से लाठीचार्ज के दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्यवाही की मांग करती है व भर्ती घोटालों व पेपर लीक मामलों की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में सीबीआई से करवाने की दोबारा मांग करती है। महानगर कांग्रेस ने की निंदा, पुतला दहन कलदेहरादून के गांधी पार्क में भर्ती घोटालों की जांच की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे बेरोजगार नौजवानों पर पुलिस लाठीचार्ज की देहरादून महानगर कांग्रेस ने कड़े शब्दों में निन्दा की। महानगर कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि बेरोजगार नौजवानों पर हुए बर्बर लाठीचार्ज के विरोध में महानगर कांग्रेस कमेटी देहरादून 10 फरवरी को डीजीपी का पुतला दहन करेगी। दावों पर खरी नहीं उतर रही सरकारगौरतलब है कि वर्ष 2021 में जुलाई माह में उत्तराखंड के तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत ने इस्तीफा दिया था। इसके साथ ही पुष्कर सिंह धामी की सीएम के पद पर ताजपोशी की गई थी। सीएम की शपथ लेते ही सीएम धामी ने कहा था कि वह जो भी घोषणा करेंगे, उसे छह माह के भीतर पूरा करके दिखाएंगे। यदि वह शिलान्यास करेंगे तो अपने उसी कार्यकाल में उसे पूरा करेंगे। शपथ लेते ही सीएम ने सबसे पहले पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अगले चुनाव से पहले छह माह के भीतर प्रदेश में विभिन्न विभागों में रिक्त पड़े 22 हजार पदों पर नियुक्तियां कर दी जाएंगी। तब प्रदेश के युवाओं को सरकार से आस बंधी थी, लेकिन ये घोषणा कोरी साबित हुई और किसी भी विभाग में नियुक्ति नहीं हुई। फिर वह दोबारा मार्च 2022 में सीएम बने और इसके बाद कई परीक्षाओं में भर्ती घोटाला सामने आया। उत्तराखंड अधिनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षा घोटाले में तो करीब 50 से अधिक लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी हैं। इसके साथ ही उनके कार्यकाल में विधानसभा में बैकडोर से नियुक्ति के साथ ही अन्य कई नियुक्तियों में घोटाले की बात सामने आई। ऐसे में अधिनस्थ चयन आयोग की परीक्षाओं को उत्तराखंड लोकसेवा आयोग को दिया गया। लोकसेवा आयोग की परीक्षाओं में भी पेपर लीक के मामले सामने आए और पटवारी व लेखपाल की परीक्षा होने के बाद रद्द कर दी गई।

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